भारत में घरेलू हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में इस साल अप्रैल के महीने में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2025 में कुल 1.43 करोड़ यात्रियों ने देश की घरेलू एयरलाइनों से यात्रा की, जो पिछले साल अप्रैल के मुकाबले 8.45 प्रतिशत ज्यादा है। जनवरी से अप्रैल 2025 की अवधि में कुल 5.751 करोड़ लोगों ने घरेलू हवाई यात्रा की, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह संख्या 5.23 करोड़ थी। इस तरह सालाना आधार पर 9.87 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
वहीं अप्रैल में उड़ानों में रुकावट की एक बड़ी वजह खराब मौसम रही। इस महीने हुई कुल उड़ान रद्दीकरण में से 38.8 प्रतिशत मामलों का कारण खराब मौसम था। इससे 20,840 यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा और एयरलाइनों को मुआवजे व अन्य सुविधाओं पर कुल 41.69 लाख रुपये खर्च करने पड़े, जो मार्च के मुकाबले 117 प्रतिशत अधिक है। इसके अलावा, उड़ानों में देरी ने भी बड़ी संख्या में यात्रियों को प्रभावित किया। अप्रैल में 96,350 यात्रियों को उड़ान देर से रवाना होने के कारण परेशानी हुई, जो मार्च की तुलना में 68 प्रतिशत अधिक है।
बाजार हिस्सेदारी की बात करें तो अप्रैल में इंडिगो की हिस्सेदारी मार्च के 64 प्रतिशत से बढ़कर 64.1 प्रतिशत हो गई। इसके यात्री लोड फैक्टर में भी सुधार हुआ है, जो मार्च में 84.6 प्रतिशत था और अप्रैल में 86.9 प्रतिशत हो गया। एयर इंडिया समूह की बाजार हिस्सेदारी भी 26.7 प्रतिशत से बढ़कर 27.2 प्रतिशत हो गई, जबकि उसका लोड फैक्टर 80.6 प्रतिशत से बढ़कर 83.3 प्रतिशत पर पहुंच गया। आकाश एयर की बाजार हिस्सेदारी 5 प्रतिशत पर बनी रही लेकिन उसने सबसे ऊंचा यात्री लोड फैक्टर दर्ज किया, जो मार्च में 92.5 प्रतिशत था और अप्रैल में बढ़कर 93 प्रतिशत हो गया। स्पाइसजेट की स्थिति थोड़ी कमजोर रही, जिसकी बाजार हिस्सेदारी मार्च में 3.3 प्रतिशत से घटकर अप्रैल में 2.6 प्रतिशत रह गई, लेकिन इसका लोड फैक्टर 84.8 प्रतिशत से बढ़कर 86 प्रतिशत हो गया।
लोड फैक्टर किसी एयरलाइन की उन सीटों के उपयोग को दर्शाता है जो भुगतान करने वाले यात्रियों से भरी होती हैं। यह एक अहम सूचकांक है जिससे यह पता चलता है कि एयरलाइन अपनी उपलब्ध सीटों का कितना सही उपयोग कर रही है। अप्रैल 2025 के दौरान सभी घरेलू शेड्यूल्ड एयरलाइनों को कुल 910 यात्री-संबंधी शिकायतें प्राप्त हुईं। इस महीने प्रति 10,000 यात्रियों पर औसतन 0.64 शिकायतें दर्ज की गईं।-(IANS)