Last Updated on October 23, 2025 8:47 pm by BIZNAMA NEWS
आर. सूर्यामूर्ति
1 नवंबर से बैंक ग्राहकों को अपने खातों, लॉकरों और सेफ कस्टडी आइटम्स में चार तक लाभार्थियों (नामांकित व्यक्तियों) को नामित करने की अनुमति होगी। सरकार का यह कदम दावों के निपटारे को तेज, पारदर्शी और विवाद-मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है।
वित्त मंत्रालय ने बताया कि “बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम, 2025” के तहत लाए गए इन नए प्रावधानों का उद्देश्य बैंकिंग शासन को मजबूत करना और जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करना है। यह अधिनियम 15 अप्रैल 2025 को अधिसूचित किया गया था और इसके तहत 19 संशोधन किए गए हैं जो पांच प्रमुख कानूनों — रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया अधिनियम, 1934; बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949; और भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम, 1955 — में शामिल हैं। कुछ प्रावधान 1 अगस्त 2025 से ही प्रभावी कर दिए गए थे।
नई नामांकन व्यवस्था की प्रमुख विशेषताएँ:
- एकाधिक नामांकन: ग्राहक अपने बैंक खाते में अधिकतम चार लाभार्थियों को नामांकित कर सकते हैं, चाहे एक साथ (Simultaneous) या क्रमवार (Successive) रूप में।
 - समानांतर नामांकन (Simultaneous): सभी नामांकित व्यक्तियों के हिस्से प्रतिशत में तय किए जा सकते हैं (कुल 100%), जिससे वितरण स्पष्ट और विवाद-मुक्त रहेगा।
 - क्रमवार नामांकन (Successive): यदि उच्च क्रम वाले नामांकित व्यक्ति का निधन हो जाए, तभी अगले नामांकित व्यक्ति को अधिकार मिलेगा। इससे निरंतरता बनी रहेगी।
 - लागू क्षेत्र: जमा खातों में दोनों प्रकार के नामांकन (समानांतर और क्रमवार) संभव होंगे, जबकि लॉकर और सेफ कस्टडी वस्तुओं के लिए केवल क्रमवार नामांकन की अनुमति होगी।
 
जल्द ही “बैंकिंग कंपनियां (नामांकन) नियम, 2025” अधिसूचित किए जाएंगे, जिनमें नामांकन करने या संशोधित करने की प्रक्रिया और प्रपत्रों का विस्तृत विवरण होगा, ताकि सभी बैंकों में एक समान व्यवस्था लागू की जा सके।
इसके अतिरिक्त यह संशोधन अधिनियम बैंकिंग क्षेत्र में शासन मानकों को सुदृढ़ करने, जमाकर्ताओं व निवेशकों की सुरक्षा बढ़ाने, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में ऑडिट गुणवत्ता सुधारने और सहकारी बैंकों में निदेशकों के कार्यकाल को युक्तिसंगत बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है।
सरकार का लक्ष्य है कि इन नए प्रावधानों से नामांकन प्रक्रिया सरल, विवाद-मुक्त और ग्राहक-हितैषी बन सके।

