मुंबई, भारत – 25 जुलाई, 2025 (शुक्रवार)
भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक, सेंसेक्स और निफ्टी, आज लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ बंद हुए। मिले-जुले वैश्विक संकेतों, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की लगातार बिकवाली और वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं के कारण निवेशकों की धारणा कमजोर बनी रही, जिससे सप्ताह का अंत गिरावट के साथ हुआ।
30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 721 अंक या 0.90 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,463 पर बंद हुआ। वहीं, एनएसई निफ्टी 50 भी 225 अंक या 0.90 प्रतिशत फिसलकर 24,837 पर समाप्त हुआ। यह गिरावट दर्शाती है कि बाजार सहभागियों के बीच सतर्कता का माहौल बना हुआ है।
व्यापक बाजार सूचकांक भी बीएसई पर निचले स्तर पर बंद हुए। मिड-कैप सूचकांक में लगभग डेढ़ प्रतिशत की कमी आई, जबकि स्मॉल-कैप सूचकांक 1.90 प्रतिशत गिरा। यह विभिन्न बाजार खंडों में व्यापक सुधार का संकेत है।
सेंसेक्स पैक में, 30 में से 28 कंपनियां नकारात्मक दायरे में समाप्त हुईं, जो कि व्यापक बिकवाली को दर्शाता है। शीर्ष गिरने वाले शेयरों में बजाज फाइनेंस में 4.7 प्रतिशत से अधिक की गिरावट, पावर ग्रिड में 2.61 प्रतिशत की कमी और इंफोसिस में लगभग ढाई प्रतिशत की गिरावट शामिल रही। वहीं, शीर्ष लाभ पाने वालों में सन फार्मा में आधा प्रतिशत की बढ़ोतरी और भारती एयरटेल में मामूली 0.05 प्रतिशत का उछाल देखा गया।
बीएसई पर क्षेत्रीय सूचकांकों में, 21 में से 20 सेक्टर लाल निशान में बंद हुए। शीर्ष गिरावट वाले सेक्टर्स में यूटिलिटीज (2.37 प्रतिशत), पावर (2.36 प्रतिशत) और ऑयल एंड गैस (2.11 प्रतिशत) शामिल थे। केवल हेल्थकेयर सेक्टर में 0.20 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज की गई।
बीएसई पर समग्र बाजार की चौड़ाई नकारात्मक रही, जहाँ 2,893 कंपनियों के शेयर गिरे, 1,116 कंपनियों के शेयर बढ़े, जबकि 145 कंपनियों के शेयर अपरिवर्तित रहे। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में, 42 कंपनियों ने अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर को छुआ, जबकि 36 कंपनियों ने अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर को छुआ, जो विशिष्ट शेयरों में चल रहे मंदी के दबाव को दर्शाता है।