IT सेक्टर की अगुवाई में शेयर बाजारों में देर शाम रिकवरी

अमेरिकी टैरिफ चिंता के बीच संवेदी सूचकांक मामूली बढ़त के साथ बंद

मुंबई, 7 अगस्त

– घरेलू शेयर बाजारों ने आज अमेरिकी टैरिफ संबंधी चिंताओं और कमजोर वैश्विक संकेतों के बावजूद आख़िरी घंटे में दमदार रिकवरी दिखाते हुए दिन का अंत हल्की बढ़त के साथ किया। कारोबारी सत्र की शुरुआत कमजोर रही, लेकिन आईटी शेयरों की मजबूती और चुनिंदा खरीदारी के चलते सेंसेक्स और निफ्टी दोनों हरे निशान पर बंद हुए।

बीएसई सेंसेक्स 79 अंकों की बढ़त के साथ 80,623 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी में 22 अंकों की बढ़त के साथ यह 24,596 के स्तर पर बंद हुआ।

टैरिफ तनाव और कृषि नीति की पृष्ठभूमि में बाज़ार की चाल

बाजार की सुस्ती का प्रमुख कारण था पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ताज़ा टैरिफ बयानों से पैदा हुआ वैश्विक अनिश्चितता का माहौल। निवेशकों को चिंता है कि अमेरिका में चुनावी राजनीति के बीच संरक्षणवाद (Protectionism) एक बार फिर सिर उठा सकता है।

यह घटनाक्रम ऐसे समय पर आया है जब एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में एम.एस. स्वामीनाथन शताब्दी सम्मेलन में कहा कि किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उनके इस बयान को अमेरिका के कृषि बाजार को लेकर भारत पर बन रहे दबाव के जवाब के रूप में देखा जा रहा है।

आईटी और हेल्थकेयर सेक्टर में मजबूती, स्मॉल-कैप शेयरों में गिरावट

आईटी क्षेत्र आज का मुख्य लीडर रहा।

  • टेक महिंद्रा में 1.6% से अधिक की तेजी देखी गई।
  • एचसीएल टेक में 1.1% की बढ़त,
  • और Eternal (एटरनल) ने भी लगभग 1% की बढ़त दर्ज की।

हेल्थकेयर इंडेक्स भी 0.5% से ज्यादा चढ़ा। वहीं दूसरी ओर, बीएसई मिड-कैप इंडेक्स में 0.3% की तेजी देखी गई, जबकि स्मॉल-कैप इंडेक्स में 0.1% की गिरावट रही — जो यह दर्शाता है कि निवेशक अभी भी जोखिम से बचाव वाली रणनीति अपना रहे हैं।

घाटे में रहे शेयर और सेक्टर

सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों में से 17 कंपनियों के शेयरों में बढ़त रही।

  • अडानी पोर्ट्स में 1.5% से अधिक की गिरावट,
  • Trent में 1% की गिरावट
  • और टाटा मोटर्स में 0.8% की गिरावट दर्ज की गई।

बीएसई के 21 सेक्टोरल इंडेक्स में से 11 में तेजी रही।

  • आईटी और फोकस्ड आईटी में क्रमशः 0.7% और 0.9% की तेजी रही।
  • लेकिन टेलीकॉम, कैपिटल गुड्स, कमोडिटीज और पावर सेक्टर में क्रमशः 0.6%, 0.4%, और 0.3% से अधिक की गिरावट रही।

आगे की रणनीति: नीतिगत संकेतों पर बाजार की नजर

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में नीतिगत घोषणाओं, वैश्विक घटनाओं और घरेलू राजनीति के चलते बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। अमेरिकी टैरिफ और चुनावी बयानबाज़ी के बीच भारत की स्थिति पर निवेशक पैनी नजर बनाए हुए हैं।

एक प्रमुख ब्रोकरेज फर्म के विश्लेषक के अनुसार,

“प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किसानों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात और अमेरिकी व्यापारिक दबाव के बीच बाजार नीति-संवेदनशील चरण में प्रवेश कर चुका है। निवेशक अब सेक्टर और स्टॉक चुनने में अधिक सतर्कता बरतेंगे।”

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