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भारतीय शेयर बाजार सोमवार को वैश्विक बाजारों में तेज़ी के बीच बढ़त के साथ बंद हुए। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने जैक्सन होल शिखर सम्मेलन में ब्याज दरों में कटौती का संकेत दिया, जिससे निवेशकों में उत्साह बढ़ा। हालांकि, उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ से बढ़ती मुद्रास्फीति के जोखिम पर भी जोर दिया।
सेक्टोरल प्रदर्शन और शेयर
बाजार में आईटी सेक्टर सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला रहा, जिसमें 2.37% की शानदार बढ़त देखी गई। इसके बाद रियल्टी (0.75%) और मेटल (0.65%) सेक्टर रहे। सेंसेक्स में Infosys, TCS, Tech M, और HCLTech शीर्ष लाभ में रहे, जबकि BEL, Asian Paints, Bharti Airtel, और ICICI Bank शीर्ष नुकसान में रहे।
अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम
- फिच रेटिंग्स ने भारत की दीर्घकालिक विदेशी-मुद्रा जारीकर्ता डिफॉल्ट रेटिंग (IDR) को ‘BBB-‘ पर ‘स्थिर दृष्टिकोण’ के साथ बरकरार रखा, जो मजबूत वृद्धि और ठोस बाहरी वित्त से समर्थित है।
- आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने FIBAC 2025 कार्यक्रम में कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है और इस अस्थिर वैश्विक माहौल में विकास के नए अवसरों का लाभ उठाने के लिए तैयार है। उन्होंने निवेशकों से ‘विकास की सीमाओं को आगे बढ़ाने’ और ‘दृढ़ता से निवेश’ करने का आग्रह किया।
- सेक्टरवार प्रदर्शन
- आईटी सेक्टर:
टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो जैसे शेयरों में तेज़ी रही। वैश्विक मांग में सुधार की उम्मीद और डॉलर की कमजोरी से आईटी कंपनियों को लाभ हुआ। - बैंकिंग और वित्तीय:
प्राइवेट बैंकों में हल्की खरीदारी दिखी, जबकि पीएसयू बैंकों पर मुनाफावसूली का दबाव रहा। एनबीएफसी शेयर स्थिर रहे। - ऑटोमोबाइल:
ऑटो सेक्टर दबाव में रहा। इन्वेंट्री बढ़ने की चिंता रही, हालांकि ग्रामीण मांग और त्योहारों से दोपहिया कंपनियों को सहारा मिला। - एफएमसीजी:
एफएमसीजी शेयर सीमित दायरे में रहे। ग्रामीण मांग और जीएसटी सुधार की उम्मीद से आगे सुधार संभव है। - ऊर्जा एवं तेल-गैस:
ऊर्जा कंपनियों में मिला-जुला रुख रहा। कच्चे तेल की गिरती कीमतों का असर दिखा, परंतु रिफाइनिंग मार्जिन दबाव में रहे। - मेटल और रियल्टी:
मेटल शेयर चीन की मांग घटने की आशंका से कमजोर रहे। रियल्टी शेयरों में मुनाफावसूली दिखी।