Last Updated on September 22, 2025 10:08 pm by BIZNAMA NEWS
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच-1बी वीज़ा शुल्क बढ़ाने के नए नियमों की घोषणा के बाद सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई। निवेशकों में खासकर आईटी सेक्टर को लेकर घबराहट रही, जिससे प्रमुख सूचकांक लाल निशान में बंद हुए।
प्रमुख सूचकांक
- बीएसई सेंसेक्स: 82,160 पर बंद, 466 अंकों (0.56%) की गिरावट।
- निफ्टी-50: 25,202 पर बंद, 125 अंकों (0.49%) की गिरावट।
सेक्टरवार प्रदर्शन
- आईटी सेक्टर (निफ्टी आईटी -3%): सबसे ज्यादा दबाव सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों में दिखा। टेक महिंद्रा, टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो और एचसीएल टेक 2–3% तक गिरे।
- फार्मा (निफ्टी फार्मा -1.4%): सिप्ला और डॉ. रेड्डीज़ लैब्स जैसे दिग्गज फार्मा शेयर भी दबाव में रहे।
- एफएमसीजी (निफ्टी एफएमसीजी -0.5%): रक्षात्मक शेयरों में भी हल्की गिरावट दर्ज की गई।
- मेटल्स (निफ्टी मेटल +0.5%): वैश्विक कमोडिटी संकेतकों से सहारा पाकर मेटल सेक्टर हरे निशान में बंद हुआ।
- अन्य प्रमुख शेयर: रिलायंस इंडस्ट्रीज़, इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स, ट्रेंट और जियो फाइनेंशियल सर्विसेज़ सबसे ज्यादा नुकसान में रहे। दूसरी ओर अदानी एंटरप्राइजेज़, अदानी पोर्ट्स, बजाज फाइनेंस, ईटर्नल और अल्ट्राटेक सीमेंट 4% तक चढ़े।
मिडकैप–स्मॉलकैप और वोलैटिलिटी
- निफ्टी मिडकैप: 0.67% गिरा।
- निफ्टी स्मॉलकैप: 1.17% टूटा।
- इंडिया VIX: 5.8% उछला, जो बाजार में बढ़ती अस्थिरता का संकेत है।
बाज़ार की दिशा
विशेषज्ञों का मानना है कि एच-1बी वीज़ा शुल्क बढ़ने से आईटी कंपनियों की लागत बढ़ सकती है और निकट भविष्य में उनकी कमाई पर दबाव दिख सकता है। वहीं, मेटल और कुछ वित्तीय शेयरों को ग्लोबल सपोर्ट मिला है। जब तक अमेरिकी वीज़ा नीति पर स्पष्टता नहीं आती, तब तक भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने की संभावना है।