Last Updated on October 1, 2025 9:58 pm by BIZNAMA NEWS
AMN BIZ DESK
शेयर बाजारों में बुधवार को ज़बरदस्त तेजी देखने को मिली, जिससे लगातार आठ दिनों की गिरावट का सिलसिला टूट गया। यह उछाल भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो दर को 5.5% पर स्थिर रखने और मौद्रिक नीति में तटस्थ रुख बनाए रखने के फैसले के बाद आया। इस निर्णय ने विशेष रूप से बैंकिंग और ऑटो सेक्टर में निवेशकों का भरोसा बढ़ाया।
बीएसई सेंसेक्स 715.69 अंकों की बढ़त के साथ 80,983.31 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 225.20 अंकों की तेजी के साथ 24,836.30 पर बंद हुआ। यह तेजी व्यापक स्तर पर रही, हालांकि वित्तीय और ऑटो शेयरों ने सबसे अधिक लाभ दर्ज किया।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने सर्वसम्मति से दरें स्थिर रखने का निर्णय लिया। केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2026 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 6.8% कर दिया, जबकि मुद्रास्फीति का अनुमान घटाकर 2.6% कर दिया गया।
सेक्टरवार प्रदर्शन
- बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं: ब्याज दरों में स्थिरता से संबंधित शेयरों में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली। निफ्टी बैंक 0.7% और निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज 0.75% ऊपर रहे। ICICI बैंक (+1.63%) और कोटक महिंद्रा बैंक (+1.59%) प्रमुख लाभार्थी रहे। हालांकि, पीएसयू बैंक इंडेक्स में गिरावट रही, जिसमें IDFC फर्स्ट बैंक (-1.7%) और केनरा बैंक (-1.1%) कमजोर रहे।
- ऑटो सेक्टर: निफ्टी ऑटो 0.5% ऊपर रहा। टाटा मोटर्स (+3%) और महिंद्रा एंड महिंद्रा (+2%) ने शानदार प्रदर्शन किया। अन्य लाभार्थियों में एक्साइड इंडस्ट्रीज़, आयशर मोटर्स और टीवीएस मोटर शामिल रहे।
- रियल एस्टेट: निफ्टी रियल्टी 0.4% ऊपर रहा, ब्याज दरों में स्थिरता से आवासीय मांग को समर्थन मिलने की उम्मीद है।
- फार्मा: वैश्विक अनिश्चितता के बीच रक्षात्मक खरीदारी से मामूली लाभ दर्ज किया गया।
- मिडकैप और स्मॉलकैप: व्यापक बाज़ारों में हल्की बढ़त रही, निफ्टी मिडकैप 0.08% और स्मॉलकैप 0.15% ऊपर रहे।
हालांकि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बिकवाली जारी रही, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) की मजबूत खरीदारी ने बाज़ार को सहारा दिया।
गांधी जयंती और दशहरा के कारण कल बाज़ार बंद रहेंगे। शुक्रवार को बाज़ार खुलने पर निवेशक वैश्विक संकेतों और कॉर्पोरेट नतीजों पर ध्यान देंगे।
आरबीआई की नीति स्थिरता ने त्योहारी सीज़न से पहले बाज़ार को मजबूती दी है, जिससे वित्तीय और ऑटो सेक्टर में मांग और निवेश की संभावनाएं बढ़ी हैं।