उत्तराखंड को ₹1,271 करोड़ की विकास सौगात, ₹1 लाख करोड़ निवेश साकार

केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को देहरादून में आयोजित ‘उत्तराखंड निवेश महोत्सव 2025’ के अवसर पर राज्य के लिए ₹1,271 करोड़ की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस आयोजन ने एक ऐतिहासिक मील का पत्थर भी स्थापित किया, जहां 2023 के ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में किए गए वादों के अनुसार ₹1 लाख करोड़ के निवेश को मूर्त रूप मिला।

इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण, केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा, और योगगुरु बाबा रामदेव सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा, “2023 में ₹3.56 लाख करोड़ के एमओयू हुए थे, जिनमें से अब तक ₹1 लाख करोड़ का निवेश ज़मीन पर उतर चुका है, जिससे 81,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित हुए हैं। इसके साथ ही सहयोगी उद्योगों में 2.5 लाख नए अवसर और पैदा होंगे।”

उन्होंने मुख्यमंत्री धामी की तारीफ करते हुए कहा कि “एक पहाड़ी और भौगोलिक दृष्टि से जटिल राज्य में निवेश लाना आसान नहीं है, लेकिन उत्तराखंड सरकार ने पारदर्शी नीतियों और तीव्र क्रियान्वयन के माध्यम से यह कर दिखाया है।”

उत्तराखंड को “देवभूमि” बताते हुए शाह ने कहा कि यह भूमि ज्योतिर्लिंग, शक्तिपीठ, चारधाम, पंचप्रयाग, पंचकेदार और सप्त बद्री का संगम है। उन्होंने कहा, “इस भूमि की प्रगति को कोई रोक नहीं सकता।”

उन्होंने ₹2,700 करोड़ की गोविंदघाट–हेमकुंड साहिब रोपवे और ₹4,000 करोड़ की सोनप्रयाग–केदारनाथ रोपवे परियोजनाओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि ये राज्य में पर्यटन को नई ऊंचाई देंगे। “चारधाम ऑल वेदर रोड पूरी होते ही यहां सालभर पर्यटक आएंगे,” उन्होंने कहा।

शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “राज्य के विकास में बाधा डालने की राजनीति अब बंद होनी चाहिए। जब राज्य तरक्की करता है, तो सभी दलों को सहयोग करना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने यह सिद्ध कर दिया है कि औद्योगिक विकास और सामाजिक कल्याण साथ-साथ संभव हैं — चाहे वह आयुष्मान भारत, नल कनेक्शन, शौचालय, या निःशुल्क राशन हो।

अंत में शाह ने बताया कि 2004-14 के यूपीए काल में उत्तराखंड को ₹53,000 करोड़ मिले थे, जबकि 2014-24 के बीच मोदी सरकार ने ₹1.86 लाख करोड़ दिए — जिसमें ₹31,000 करोड़ सड़क, ₹40,000 करोड़ रेलवे, और ₹100 करोड़ हवाई अड्डा विकास के लिए हैं।

“विकसित भारत 2047” के सपने को साकार करने में उत्तराखंड जैसे छोटे और पूर्वी राज्यों का समग्र विकास अनिवार्य है,” शाह ने कहा।

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