भारत के रत्न और आभूषण निर्यात में 15.8% की गिरावट

आर. सूर्य मूर्ति

भारत के रत्न और आभूषण क्षेत्र को मई 2025 में बड़ा झटका लगा है। इस महीने कुल निर्यात 15.81% घटकर 2.26 अरब डॉलर (₹19,260 करोड़) रह गया, जबकि पिछले साल इसी महीने यह आंकड़ा 2.69 अरब डॉलर (₹22,414 करोड़) था। यह गिरावट मुख्य रूप से हीरों की मांग में भारी कमी, अमेरिका की संभावित टैरिफ नीति, और वैश्विक भू-राजनीतिक तनावों के चलते दर्ज की गई है।

कटे और पॉलिश किए गए हीरों का निर्यात — जो इस क्षेत्र का सबसे बड़ा हिस्सा है — 35.5% घटकर $949.7 मिलियन रह गया, जबकि पिछले साल यह $1.47 अरब था। साथ ही, लैब में बने हीरों का निर्यात भी 32.76% घटकर $80.9 मिलियन रह गया। विशेषज्ञों का मानना है कि उपभोक्ता अब प्राकृतिक हीरों की तुलना में लैब-निर्मित और किफायती विकल्पों की ओर झुक रहे हैं।

हालांकि, इस मंदी के बीच सोने के आभूषणों का प्रदर्शन बेहतर रहा। मई में इनका निर्यात 17.24% बढ़कर $997.5 मिलियन (₹8,482 करोड़) हो गया, जो पिछले साल इसी समय $850.8 मिलियन था। वैश्विक संकटों के बीच सोने को ‘सुरक्षित निवेश’ के रूप में देखा जा रहा है, जिससे इसकी मांग बढ़ी है।

रत्न और आभूषणों का आयात भी घटा है। कुल आयात 13% गिरकर $1.69 अरब पर आ गया। कटे और पॉलिश हीरों का आयात 39% घटकर $85 मिलियन हो गया, जबकि कच्चे हीरों का आयात 5% गिरकर $2.26 अरब रहा। व्यापारी नई खरीदारी करने की बजाय पुरानी स्टॉक से काम चला रहे हैं।

अन्य उत्पादों में भी कमजोरी देखने को मिली। अप्रैल–मई के दौरान चांदी के आभूषणों का निर्यात 17.59% घटकर $150.08 मिलियन और रंगीन रत्नों का निर्यात 1.13% घटकर $62.5 मिलियन रह गया।

विश्व स्वर्ण परिषद (World Gold Council) के अनुसार, जून में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत $3,435 प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। हालांकि, भारत में खुदरा सोने की बिक्री धीमी रही है और उपभोक्ता केवल जरूरी खरीदारी तक सीमित रहे हैं। इससे भारतीय बाजार में सोना अंतरराष्ट्रीय कीमत से $38 प्रति औंस सस्ता बिक रहा है।

हालांकि, निवेश के रूप में सोने की मांग बढ़ी है। सोने पर आधारित कर्ज (गोल्ड लोन) में 120% की सालाना वृद्धि दर्ज की गई है और सोने से जुड़े ETF निवेश भी दोगुना होकर ₹624 अरब तक पहुंच गए हैं।

अब उद्योग की नजर अगस्त से शुरू होने वाले त्योहारी और शादी के सीजन पर है, जिससे मांग में सुधार की उम्मीद है। विश्लेषकों का मानना है कि यदि वैश्विक हालात स्थिर होते हैं, तो भारत का आभूषण निर्यात फिर से पटरी पर लौट सकता है।

भारत अभी भी दुनिया का सबसे बड़ा निजी स्वर्ण भंडार रखने वाला देश है, जिसके पास लगभग 25,000 टन सोना (मूल्य $2.4 ट्रिलियन से अधिक) है — जो इस धातु की सांस्कृतिक और आर्थिक महत्ता को दर्शाता है।

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