भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) ने गुरुवार को व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (Comprehensive Economic and Trade Agreement – CETA) पर हस्ताक्षर किए, जिसे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय यूके यात्रा के दौरान हुआ और हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच सबसे बड़ा व्यापार समझौता बताया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर को “हमारे द्विपक्षीय संबंधों के इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन” करार दिया। लंदन में ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा, “कई वर्षों की मेहनत के बाद भारत और यूके के बीच व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते का समापन हुआ है। यह समझौता केवल व्यापारिक सहयोग को नहीं बढ़ाता, बल्कि साझा समृद्धि की दिशा में एक रूपरेखा भी प्रस्तुत करता है।”
यह समझौता ब्रिटेन के लिए ब्रेग्ज़िट के बाद का सबसे बड़ा व्यापारिक समझौता है, जबकि भारत के लिए यह विकसित देशों के साथ किया गया सबसे व्यापक समझौता माना जा रहा है। इससे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूती मिलेगी और वैश्विक व्यापार पर भारत की स्थिति और मजबूत होगी।
पीएम मोदी ने कहा कि इस समझौते से भारत के वस्त्र, जूते-चप्पल, रत्न एवं आभूषण, समुद्री उत्पाद, इंजीनियरिंग सामान, कृषि उत्पाद और प्रसंस्कृत खाद्य जैसे क्षेत्रों को बेहतर बाजार पहुंच मिलेगी। इसका लाभ सीधे तौर पर किसानों, मछुआरों, महिलाओं, युवाओं और सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों (MSMEs) को मिलेगा।
सोशल मीडिया मंच X (पूर्व में ट्विटर) पर पीएम मोदी ने इस समझौते को “भारत-यूके आर्थिक साझेदारी का नया अध्याय” बताया। उन्होंने लिखा, “यह समझौता समावेशी विकास को गति देगा और हमारे उद्यमियों, किसानों, महिलाओं, MSMEs और पेशेवरों को नए अवसर देगा। यह ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को गति देगा और भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने CETA को “ब्रेग्ज़िट के बाद का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण व्यापार समझौता” करार दिया। उन्होंने कहा, “यह समझौता दोनों देशों के लिए बड़े फायदे लेकर आएगा—यह नौकरियों को बढ़ावा देगा, वेतन बढ़ाएगा, जीवन स्तर सुधारेगा और व्यापार को सस्ता, आसान और तेज बनाएगा।”
स्टारमर ने कहा कि यह समझौता ब्रिटिश उपभोक्ताओं को भारतीय वस्तुओं जैसे वस्त्र, खाद्य और जूते सस्ती दरों पर उपलब्ध कराएगा। उनके अनुसार, इस समझौते से यूके की अर्थव्यवस्था में हर साल करीब 4.8 अरब पाउंड और मजदूरी में 2.2 अरब पाउंड की वृद्धि होगी।
X पर पोस्ट करते हुए स्टारमर ने इसे एक “लैंडमार्क डील” बताया जो “हजारों नौकरियां पैदा करेगी, नए व्यावसायिक अवसर खोलेगी और कामकाजी लोगों की जेब में पैसा डालेगी।”
इस ऐतिहासिक समझौते के साथ भारत और ब्रिटेन ने न सिर्फ आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाई दी है, बल्कि आपसी विश्वास, रणनीतिक सहयोग और वैश्विक साझेदारी को भी और मजबूत किया है। यह समझौता दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक समृद्धि और गहरी मित्रता का मार्ग प्रशस्त करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी दो देशों की अपनी राजकीय यात्रा के दौरान इसके पहले चरण में ब्रिटेन में हैं। पीएम मोदी बुधवार देर रात लंदन पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान आज दोनों देशों ने व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए।
सयुंक्त प्रेस वार्ता के दौरान पीएम स्टार्मर ने कहा, “ब्रिटेन कई वर्षों से इस तरह के समझौते पर बातचीत कर रहा था, लेकिन यह सरकार ही है जिसने इसे अंजाम दिया। और इसके साथ ही हम एक बहुत ही शक्तिशाली संदेश दे रहे हैं कि ब्रिटेन व्यापार के लिए खुला है।”
प्रधानमंत्री स्टार्मर ने कहा, “यह एक ऐसा समझौता है जिससे दोनों देशों को भारी लाभ होगा, वेतन में वृद्धि होगी, जीवन स्तर में सुधार होगा और कामकाजी लोगों की जेब में ज़्यादा पैसा आएगा। यह नौकरियों के लिए अच्छा है, व्यापार के लिए अच्छा है, टैरिफ़ में कमी लाएगा और व्यापार को सस्ता, तेज़ और आसान बनाएगा।”
वहीं अपने संबोधन में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच मज़बूत जन-जन संबंधों की भी बात की। उन्होंने कहा कि आज हम भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच लगभग छह अरब पाउंड के निवेश और निर्यात की घोषणा कर रहे हैं, जिससे ब्रिटिश कामगारों के लिए 2,200 नौकरियां पैदा होंगी। हमारे बीच इतिहास, परिवार और संस्कृति के अनूठे बंधन हैं और हम अपने संबंधों को और मजबूत करना चाहते हैं ताकि यह और भी महत्वाकांक्षी, आधुनिक और दीर्घकालिक हो।
प्रधानमंत्री स्टार्मर ने कहा कि भारत और ब्रिटेन ने अपनी साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए भारत-ब्रिटेन विजन 2035 रणनीति शुरू की है। उन्होंने कहा, “पिछले वर्ष हमने संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की थी और इसीलिए इस व्यापार समझौते के साथ-साथ, मुझे खुशी है कि हम भारत-ब्रिटेन विजन 2035 रणनीति को लांच करके अपनी साझेदारी को आगे बढ़ा रहे हैं, जिसमें रक्षा, प्रवासन, जलवायु, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में अधिक निकटता से काम करने का संकल्प लिया गया है।”
पीएम स्टार्मर ने प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल पर काम जारी रखने का वादा किया, जिससे दोनों देशों के लिए अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा, “हम प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में अपने पहले से ही किए जा रहे शानदार काम को और आगे बढ़ाएंगे और ऐतिहासिक प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल की एक वर्षगांठ मनाएंगे। हम अपने दोनों देशों के लिए इससे मिलने वाले अवसरों का भरपूर लाभ उठाएंगे।”