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भारतीय शेयर बाजार मंगलवार को एशियाई बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों के बीच हल्की बढ़त के साथ बंद हुए। हालांकि, मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में कमजोरी बनी रही, जिससे निवेशकों की सतर्कता झलकती है।
बीएसई सेंसेक्स 123 अंकों की तेजी के साथ 82,515 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी-50 37 अंकों की बढ़त के साथ 25,141 पर बंद हुआ। प्रमुख सूचकांकों को बैंकिंग, आईटी और एफएमसीजी क्षेत्रों के शेयरों से समर्थन मिला।
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि एशिया के प्रमुख बाजारों में तेजी, खासतौर पर चीन में आर्थिक सुधार और वैश्विक मुद्रास्फीति को लेकर घटती चिंताओं ने निवेशकों में भरोसा बढ़ाया है। इसके अलावा, अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिज़र्व द्वारा ब्याज दरों को स्थिर रखने की संभावना ने भी वैश्विक जोखिम धारणा को मजबूत किया है।
हालांकि, सेक्टोरल स्तर पर मिला-जुला रुख देखने को मिला। बैंकिंग, ऑटो और आईटी सेक्टर में अच्छी खरीदारी देखी गई, जबकि मेटल और रियल एस्टेट शेयरों पर दबाव रहा।
बीएसई मिड-कैप इंडेक्स में करीब 0.1% की गिरावट दर्ज की गई, वहीं स्मॉल-कैप इंडेक्स लगभग सपाट बंद हुआ। इससे संकेत मिलता है कि निवेशक फिलहाल बड़ी कंपनियों में ही अधिक भरोसा दिखा रहे हैं, जबकि मिड और स्मॉल कैप शेयरों में मुनाफावसूली हो रही है।
बाजार की नजर अब इस सप्ताह जारी होने वाले अहम आर्थिक आंकड़ों पर टिकी है, जिनमें औद्योगिक उत्पादन (IIP) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) शामिल हैं। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होगा कि घरेलू अर्थव्यवस्था किस दिशा में अग्रसर है। इसके अलावा, अमेरिकी फेड की मौद्रिक नीति बैठक के नतीजे भी वैश्विक बाजार धारणा पर असर डाल सकते हैं।