सकारात्मक शुरुआत के बावजूद भारतीय शेयर बाजारों ने मंगलवार को नुकसान के साथ कारोबार समाप्त किया। निवेशकों में सतर्कता उस समय बढ़ गई जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि तेहरान को अमेरिका के साथ परमाणु समझौते की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए था।
दिन के कारोबार में सेंसेक्स ने 81,427 के निचले स्तर को छूने के बाद 212.85 अंक यानी 0.26% की गिरावट के साथ 81,583.3 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 50 93.1 अंक यानी 0.37% फिसलकर 24,853.40 पर आ गया।
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी गिरावट
बाजार में कमजोरी सिर्फ प्रमुख सूचकांकों तक सीमित नहीं रही। निफ्टी मिडकैप 100 में 0.79% और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.82% की गिरावट दर्ज की गई।
सेक्टोरल परफॉर्मेंस: आईटी को छोड़ सभी सेक्टर लाल निशान में
सेक्टोरल फ्रंट पर आईटी सेक्टर को छोड़कर सभी प्रमुख सेक्टरों में गिरावट देखी गई। निफ्टी फार्मा और मेटल इंडेक्स क्रमशः 1.89% और 1.43% की गिरावट के साथ सबसे कमजोर सेक्टर रहे।
इसके अलावा, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, तेल और गैस, रियल्टी, ऑटो, एनर्जी, बैंकिंग, एफएमसीजी और मीडिया सेक्टरों में भी 1% तक की गिरावट दर्ज की गई।
सेंसेक्स के टॉप गेनर्स और लूज़र्स
सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से 21 के शेयर लाल निशान में बंद हुए। सबसे ज्यादा बिकवाली टाटा मोटर्स, एटर्नल, सन फार्मा, बजाज फाइनेंस, इंडसइंड बैंक, बजाज फिनसर्व और नेस्ले इंडिया में देखी गई।
दूसरी ओर, टेक महिंद्रा, एशियन पेंट्स, इन्फोसिस, मारुति सुजुकी, एनटीपीसी, टीसीएस और एचसीएल टेक ने बढ़त दर्ज की और बाजार को आंशिक सहारा दिया।
घटकर आया ‘इंडिया VIX’; निवेशक घबराए नहीं
भले ही बाजारों में गिरावट आई हो, लेकिन वोलैटिलिटी इंडेक्स (India VIX), जो बाजार में डर का स्तर मापता है, 2.93% की गिरावट के साथ 14.402 पर बंद हुआ। यह संकेत देता है कि फिलहाल निवेशकों में घबराहट नहीं है, लेकिन वे सतर्क रुख अपनाए हुए हैं।
आगे की रणनीति
विश्लेषकों का मानना है कि निकट भविष्य में अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीतिक हालात बाजार की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। हालांकि घरेलू आर्थिक संकेतक अभी भी मजबूत हैं, लेकिन अमेरिका-ईरान तनाव जैसे वैश्विक कारक बाजारों पर दबाव बना सकते हैं।