भारतीय शेयर बाजारों में मंगलवार को चार कारोबारी सत्रों की गिरावट के बाद जोरदार तेजी देखी गई। जून 2025 में खुदरा महंगाई में नरमी और अमेरिका व एशिया से मिले सकारात्मक वैश्विक संकेतों ने निवेशकों की धारणा को मजबूती दी।
बीएसई सेंसेक्स ने 317 अंक या 0.39% की बढ़त के साथ 82,571 पर कारोबार समाप्त किया, जबकि एनएसई निफ्टी 50 114 अंक या 0.45% चढ़कर 25,196 पर बंद हुआ।
तेजी केवल प्रमुख सूचकांकों तक सीमित नहीं रही। मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में भी जोरदार खरीदारी देखी गई। बीएसई मिड-कैप इंडेक्स में 0.83% और स्मॉल-कैप इंडेक्स में 0.95% की बढ़त दर्ज की गई।
सेंसेक्स की 30 में से 22 कंपनियों के शेयरों में तेजी रही। सन फार्मा 2.71% की उछाल के साथ टॉप गेनर रही, जबकि बजाज फिनसर्व में 1.69% और टाटा मोटर्स में 1.55% की तेजी रही। दूसरी ओर, एचसीएल टेक 3.31% गिरा, एटरनल में 1.57% और टाटा स्टील में 0.81% की गिरावट आई।
क्षेत्रवार प्रदर्शन की बात करें तो यूटिलिटी सेक्टर को छोड़कर बीएसई के सभी सेक्टर्स में बढ़त रही। ऑटो सेक्टर में 1.48%, हेल्थकेयर में 1.14% और कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी सेक्टर में 0.89% की तेजी दर्ज की गई। यूटिलिटी सेक्टर में हल्की 0.15% की गिरावट आई।
बीएसई में बाजार का संपूर्ण रुख सकारात्मक रहा। 2,576 शेयरों में तेजी, 1,479 शेयरों में गिरावट, जबकि 160 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। वहीं, एनएसई पर 85 कंपनियों ने 52 हफ्तों का उच्चतम स्तर छुआ, जबकि 21 कंपनियां अपने 52 हफ्तों के न्यूनतम स्तर पर पहुंचीं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि महंगाई दर में यह नरमी बनी रहती है, तो भारतीय रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति में नरमी की संभावना बन सकती है, जिससे बाजार में और तेजी आ सकती है। निवेशकों की निगाहें अब आगामी कारोबारी नतीजों और वैश्विक आर्थिक संकेतों पर टिकी हैं।