Last Updated on October 18, 2025 12:44 pm by BIZNAMA NEWS
“1:45 बजे से 2:45 बजे तक: इस बार मुहूर्त ट्रेडिंग का नया समय”
— दिवाली (लक्ष्मी पूजन) के अवसर पर भारतीय शेयर बाजारों में एक विशेष परंपरा निभाई जाती है, जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग कहा जाता है। इस दिन बाजार एक घंटे के लिए प्रतीकात्मक रूप से खुलता है, ताकि निवेशक शुभ समय में लेनदेन की शुरुआत कर सकें। संस्कृत और हिंदी में “मुहूर्त” का अर्थ होता है — शुभ समय। निवेशकों और ट्रेडरों का मानना है कि इस शुभ घड़ी में निवेश की शुरुआत करने से आने वाला वर्ष समृद्धि लाता है।
2025 का मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र
दिवाली (लक्ष्मी पूजन) से पहले, देश के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज — नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) — ने 2025 के मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र की तारीख और समय की घोषणा कर दी है।
इस वर्ष मुहूर्त ट्रेडिंग मंगलवार, 21 अक्टूबर 2025 को आयोजित होगी। यह सत्र दोपहर 1:45 बजे से 2:45 बजे तक चलेगा। मुख्य सत्र से पहले 1:30 बजे से 1:45 बजे तक 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होगा।
पिछले वर्षों से अलग समय
गौरतलब है कि पिछले वर्षों में मुहूर्त ट्रेडिंग आमतौर पर शाम के समय (नियमित बाजार समय के बाद) आयोजित की जाती थी। लेकिन 2025 में यह सत्र दोपहर में निर्धारित किया गया है, जो परंपरागत समय से अलग है।
सत्र के बाद की प्रक्रिया
एक घंटे के इस सत्र के बाद, एक्सचेंजों के नियमों के अनुसार ट्रेड मॉडिफिकेशन कट-ऑफ और सेटलमेंट की समय सीमाएं लागू होंगी। दिवाली के दिन नियमित बाजार बंद रहेगा और केवल यह विशेष मुहूर्त सत्र संचालित किया जाएगा।
महत्व और सावधानियां
मुहूर्त ट्रेडिंग का सत्र केवल एक घंटे का होता है, लेकिन इसमें किए गए सभी सौदे अन्य दिनों की तरह सामान्य सेटलमेंट नियमों के अधीन होते हैं। यह सत्र मुख्य रूप से प्रतीकात्मक होता है और इसका उद्देश्य निवेश की एक शुभ शुरुआत करना है, न कि मुनाफे के लिए कोई रणनीतिक व्यापार करना।
निवेशक इस अवसर पर अक्सर प्रतीकात्मक रूप से कुछ शेयर खरीदते हैं या अपने दीर्घकालिक निवेश की शुरुआत करते हैं।
निवेशकों के लिए सलाह
निवेशक और ट्रेडर इस तारीख को याद रखें — 21 अक्टूबर 2025, दोपहर 1:45 बजे से 2:45 बजे तक। यह साल का विशेष एक घंटे का मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र होगा। हालांकि इसमें सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व निहित है, फिर भी निवेश करते समय सामान्य अनुसंधान, अनुशासन और जोखिम प्रबंधन को ध्यान में रखना आवश्यक है।