गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार में गिरावट का रुख देखने को मिला, जहां प्रमुख सूचकांक आईटी और एफएमसीजी शेयरों में भारी बिकवाली के चलते लाल निशान में बंद हुए। वैश्विक स्तर पर मिलेजुले संकेतों, कंपनियों के तिमाही नतीजों को लेकर अनिश्चितता और मुनाफावसूली ने निवेशकों की धारणा पर दबाव डाला।
बीएसई सेंसेक्स में 542 अंकों यानी 0.66% की गिरावट दर्ज की गई और यह 82,184 पर बंद हुआ। वहीं, एनएसई निफ्टी 50 ने 158 अंकों यानी 0.63% की गिरावट के साथ 25,062 का स्तर छुआ।
बाजार की कमजोरी सिर्फ लार्ज कैप तक ही सीमित नहीं रही। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 0.43% और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.50% की गिरावट दर्ज की गई, जो व्यापक बिकवाली को दर्शाता है।
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 24 लाल निशान में बंद हुए। ट्रेंट में सबसे ज्यादा 3.9% की गिरावट आई, जबकि टेक महिंद्रा में 3.1% और रिलायंस इंडस्ट्रीज में 1.6% की गिरावट रही। दूसरी ओर, एटरनल में 3.44%, टाटा मोटर्स में 1.5% और सन फार्मा में 0.5% से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली।
बीएसई के सेक्टोरल इंडेक्स में से 21 में से 18 सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए। फोकस्ड आईटी इंडेक्स में सबसे ज्यादा 2.22% की गिरावट आई। इसके अलावा, आईटी इंडेक्स में 1.84% और टेक में लगभग 1.5% की गिरावट देखी गई। सकारात्मक पक्ष पर, हेल्थकेयर इंडेक्स 0.5%, मेटल 0.10% और ऑटो 0.03% बढ़त के साथ बंद हुए।
बीएसई पर कुल 4,042 शेयरों में से 2,290 में गिरावट, 1,569 में तेजी, जबकि 183 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ, जिससे नकारात्मक बाजार भाव स्पष्ट होता है। एनएसई पर 72 शेयरों ने 52 हफ्तों का उच्चतम स्तर, जबकि 29 ने निचला स्तर छुआ।
वैश्विक बाजारों से मिले मिलेजुले संकेत, अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों की प्रतीक्षा और केंद्रीय बैंकों के सख्त रुख के कारण निवेशक सतर्क नजर आए।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे सतर्कता बरतें, स्टॉक-विशिष्ट रणनीति अपनाएं और किसी भी दिशा में आक्रामक निवेश से बचें जब तक कि बाजार में स्थिरता के स्पष्ट संकेत न मिलें।