Stock Markets: बाजार में सकारात्मक रुझान, IT और पूंजीगत सामान क्षेत्र आगे

घरेलू शेयर बाजार आज लगभग 0.4% की बढ़त के साथ बंद हुए, जिसमें व्यापक बाजार में भी सकारात्मकता देखने को मिली। सेंसेक्स 324 अंक बढ़कर 81,425 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 104 अंक बढ़कर 24,973 पर पहुंच गया। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में भी मिड-कैप इंडेक्स में 0.8% से अधिक और स्मॉल-कैप इंडेक्स में 0.7% से अधिक की बढ़त के साथ सकारात्मक रुझान दिखाई दिया।

सेक्टर-वार प्रदर्शन:

  • टेक्नोलॉजी और IT: लगातार दूसरे दिन IT क्षेत्र शीर्ष प्रदर्शनकर्ता रहा। फोकस IT में ढाई प्रतिशत से अधिक, IT में लगभग ढाई प्रतिशत और कैपिटल गुड्स में लगभग 1.9 प्रतिशत की बढ़त देखी गई। HCL Tech में लगभग 2.6% की वृद्धि हुई, जो इस क्षेत्र की मजबूत गति को दर्शाता है। यह क्षेत्र वैश्विक आईटी खर्च और मजबूत सौदों के कारण निवेशकों का पसंदीदा बना हुआ है।
  • पूंजीगत सामान (Capital Goods): इस क्षेत्र ने भी मजबूत प्रदर्शन किया, जिसमें लगभग 1.9% की वृद्धि हुई। यह प्रदर्शन देश में इंफ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक विकास में निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है। सेंसेक्स पैक में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड शीर्ष लाभ पाने वालों में से एक था, जिसमें 4.2% से अधिक की वृद्धि हुई।
  • वित्तीय क्षेत्र: वित्तीय क्षेत्र का प्रदर्शन मिला-जुला, लेकिन सकारात्मक रहा। बजाज फाइनेंस में लगभग 2.2% की वृद्धि हुई, जिसने बाजार के समग्र उत्थान में योगदान दिया। यह उपभोक्ता ऋण और वित्तीय सेवाओं में निरंतर मजबूती का संकेत देता है।
  • ऑटो: ऑटोमोबाइल क्षेत्र प्रमुख पिछड़ने वाला रहा, जिसमें 1.2% की गिरावट आई। महिंद्रा एंड महिंद्रा में लगभग 2.5%, मारुति में 1.5% से अधिक और टाटा मोटर्स में 0.9% की गिरावट आई। कच्चे माल की बढ़ती लागत और उपभोक्ता मांग में संभावित मंदी जैसी चिंताओं के कारण इस क्षेत्र पर दबाव देखा गया।
  • उपभोक्ता विवेकाधीन और टिकाऊ वस्तुएं (Consumer Discretionary & Durables): इन क्षेत्रों में भी नकारात्मक रुझान रहा, जिसमें क्रमशः 0.5% से अधिक और 0.2% से अधिक की गिरावट आई। यह उपभोक्ता खर्च में सतर्कता का संकेत देता है, जो निवेशकों के लिए चिंता का विषय हो सकता है।

कुल मिलाकर, बाजार की रैली व्यापक-आधारित थी, जिसमें BSE के 21 में से 17 क्षेत्रों में बढ़त दर्ज की गई। IT और कैपिटल गुड्स क्षेत्रों के मजबूत प्रदर्शन से पता चलता है कि निवेशक भारत की तकनीकी और औद्योगिक विकास की संभावनाओं के बारे में आशावादी हैं, भले ही ऑटो और उपभोक्ता क्षेत्रों में कुछ चुनौतियाँ हों।

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