Last Updated on August 11, 2025 10:59 am by BIZNAMA NEWS
BIZ DESK
भारतीय शेयर बाजारों में सोमवार को जबरदस्त तेजी देखने को मिली। सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों ने करीब सात हफ्तों में अपना सबसे मजबूत प्रदर्शन किया, जिसमें दिग्गज कंपनियों एचडीएफसी बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में मजबूती ने अहम भूमिका निभाई।
सेंसेक्स 746 अंक यानी 0.9% उछलकर 80,604 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 222 अंक (0.9%) बढ़कर 24,585 के स्तर पर पहुंच गया। यह दोनों सूचकांकों की 26 जून के बाद से सबसे बड़ी एक-दिवसीय बढ़त रही। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण ₹3.4 लाख करोड़ बढ़कर ₹444 लाख करोड़ पर पहुंच गया।
तेजी का श्रेय विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की शॉर्ट कवरिंग को भी दिया गया, क्योंकि हाल में उनके मंदी वाले दांव बहुवर्षीय उच्च स्तर पर थे। 8 अगस्त तक एफपीआई का इंडेक्स फ्यूचर्स में लॉन्ग-शॉर्ट अनुपात सिर्फ 8.28% था, यानी हर 100 शॉर्ट पोज़ीशन पर केवल 8 लॉन्ग पोज़ीशन थीं।
शेयरों में, एचडीएफसी बैंक 1.2% और रिलायंस इंडस्ट्रीज 1.4% बढ़े, जिससे रैली को मजबूती मिली। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) 2.5% उछला, क्योंकि उसने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (Q1FY26) में शुद्ध मुनाफे में 12.5% साल-दर-साल बढ़त दर्ज की और ₹19,160 करोड़ का लाभ कमाया। यह वृद्धि ट्रेजरी गेन में मजबूती के कारण रही।
हालांकि सोमवार की इस तेजी से पहले बाजार दबाव में था। पिछले हफ्ते सेंसेक्स में 0.9% और निफ्टी में 0.8% की गिरावट आई थी, जिससे लगातार छठे सप्ताह नुकसान दर्ज हुआ — अप्रैल 2020 के बाद का सबसे लंबा गिरावट का दौर।
बाजार भावना को अमेरिका-भारत के बीच जारी व्यापार तनाव और कमजोर कॉर्पोरेट नतीजों ने प्रभावित किया है। पिछले सप्ताह, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के निर्यात पर 25% का नया शुल्क लगा दिया, यह कहते हुए कि भारत रूस से तेल आयात जारी रखे हुए है। इससे दोनों देशों के बीच पहले से चल रहे टकराव में और वृद्धि हुई। इससे पहले भी शुल्क बढ़ोतरी और क्षेत्रीय सुरक्षा पर तीखी टिप्पणियां हो चुकी थीं।
अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ वार्ता ठप पड़ी है, क्योंकि वाशिंगटन भारत के कृषि और डेयरी क्षेत्रों में अधिक पहुंच चाहता है। इसका असर यह हुआ है कि भारत की तुलना में वियतनाम और बांग्लादेश जैसे प्रतिद्वंद्वी देशों को निर्यात में बढ़त मिल रही है।
आने वाले दिनों में दुनिया की निगाहें अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की इस हफ्ते होने वाली बैठक पर रहेंगी।
तकनीकी दृष्टिकोण से, एसबीआई सिक्योरिटीज के तकनीकी और डेरिवेटिव रिसर्च प्रमुख सुदीप शाह ने कहा, “रैली को बनाए रखने और आगे बढ़ाने के लिए निर्णायक फॉलो-अप मूव की जरूरत होगी। शुरुआती उछाल के बाद बाजार की रफ्तार अक्सर धीमी हो जाती है। निफ्टी के लिए 24,700–24,740 का स्तर बड़ी रुकावट होगा, और इसके ऊपर निकलने पर 24,900 तक की तेजी संभव है। दूसरी ओर, 24,400–24,440 का स्तर अहम सपोर्ट रहेगा।”