भारतीय शेयर बाजारों ने सप्ताह की शुरुआत शानदार अंदाज़ में की। ऑटो, बैंकिंग और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स शेयरों में जोरदार खरीदारी के चलते सोमवार को बाजार मजबूत बंद हुए। निवेशकों की धारणा में यह सुधार आगामी जीएसटी सुधारों और अंतरराष्ट्रीय तनावों में कमी के चलते देखा गया।
सेंसेक्स 676.09 अंकों की बढ़त के साथ 81,273.75 पर बंद हुआ, दिन के कारोबार में यह 81,765.77 के उच्च स्तर तक गया। वहीं निफ्टी 50, 245.65 अंकों (1%) की उछाल के साथ 24,876.95 पर बंद हुआ, जो इसे 25,000 के नजदीक ले गया।
जीएसटी सुधार और वैश्विक स्थिरता ने बढ़ाया भरोसा
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि जीएसटी की दरों में प्रस्तावित सरलीकरण ने घरेलू बाजार में बड़ा सकारात्मक संकेत दिया है। इसके साथ ही हाल में संपन्न अमेरिका-रूस शिखर सम्मेलन में कोई नया तनाव न उभरने से निवेशकों की चिंता भी कम हुई है।
उन्होंने यह भी कहा कि ऑटोमोबाइल सेक्टर को जीएसटी सुधारों का सीधा लाभ मिल सकता है, जबकि उपभोग आधारित सेक्टर वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही में मांग में सुधार के चलते नई गति पकड़ सकते हैं।
टॉप गेनर और सेक्टर प्रदर्शन
सेंसेक्स में बढ़त दर्ज करने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल रहे:
मारुति सुजुकी, बजाज फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, अदाणी पोर्ट्स, बजाज फिनसर्व, ट्रेंट, हिंदुस्तान यूनिलीवर, टाटा स्टील, एशियन पेंट्स, टाटा मोटर्स, एक्सिस बैंक और भारती एयरटेल।
वहीं आईटीसी, टेक महिंद्रा, एलएंडटी, एनटीपीसी और इंफोसिस में गिरावट रही।
सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो:
- निफ्टी ऑटो ने सबसे तेज उछाल दिखाई, 4.18% (1008 अंक) की बढ़त
- निफ्टी एफएमसीजी में 1.19%,
- निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज में 1.05%,
- निफ्टी बैंक में 0.71% की तेजी
- जबकि निफ्टी आईटी लाल निशान में बंद हुआ।
मिडकैप और स्मॉलकैप में भी बढ़त
बाजार की मजबूती सिर्फ बड़ी कंपनियों तक सीमित नहीं रही। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी सकारात्मक रुझान देखने को मिला:
- निफ्टी नेक्स्ट 50 में 1.34% (888 अंक) की तेजी
- निफ्टी 100 में 1.05% (266 अंक) की बढ़त
- निफ्टी मिडकैप 100 में 1.08% (608 अंक) की छलांग
- निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 1.38% (242 अंक) की मजबूती
रुपये में भी सुधार, 87.31 पर बंद
भारतीय रुपया 24 पैसे मजबूत होकर 87.31 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। एलकेपी सिक्योरिटीज के रिसर्च उपाध्यक्ष जतिन त्रिवेदी ने कहा कि जीएसटी सुधारों की पहल ऐसे समय में आई है जब भारत अमेरिकी टैरिफ तनावों के कारण निर्यात दबाव झेल रहा है। उन्होंने अनुमान लगाया कि निकट भविष्य में रुपया 87.00 से 87.75 के दायरे में रह सकता है।
आगे की राह
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जीएसटी सुधारों पर ठोस कदम उठाए जाते हैं, तो ऑटो और कंज्यूमर सेक्टर में तेजी जारी रह सकती है। हालांकि, वैश्विक संकेतों और नीति अमल की प्रगति पर भी पैनी नजर बनी रहेगी।