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— भारतीय शेयर बाजारों ने मंगलवार को लगातार दूसरे दिन मजबूती के साथ कारोबारी सत्र को समाप्त किया। जीएसटी ढांचे में संभावित सुधार और वैश्विक स्तर पर सकारात्मक संकेतों ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया। इसके साथ ही रूस-यूक्रेन संघर्ष में तनाव में कमी और भारत की क्रेडिट रेटिंग में हालिया सुधार ने भी तेजी में योगदान दिया।
बीएसई सेंसेक्स आज 370 अंकों (0.46%) की उछाल के साथ 81,644.39 के स्तर पर बंद हुआ। यह 81,439.11 पर खुला था और दिन में 81,755.88 का उच्चतम स्तर छू गया। वहीं, एनएसई निफ्टी 50 में 103.70 अंकों (0.42%) की बढ़त दर्ज हुई और यह 24,980.65 पर बंद हुआ।
क्या कह रहे हैं बाज़ार विशेषज्ञ?
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा,
“बाजार की रफ्तार में ताजगी देखी जा रही है, जिसका आधार जीएसटी प्रणाली में संभावित सुधार और भारत की क्रेडिट रेटिंग में बढ़ोतरी है। साथ ही रूस-यूक्रेन के बीच तनाव में कमी से भी निवेश धारणा को बल मिला है।”
टॉप गेनर्स और लूज़र्स
सेंसेक्स की प्रमुख बढ़त वाले शेयरों में शामिल रहे:
- टाटा मोटर्स,
- अडानी पोर्ट्स,
- टेक महिंद्रा,
- हिंदुस्तान यूनिलीवर,
- कोटक बैंक,
- मारुति,
- भारती एयरटेल,
- टाटा स्टील,
- आईटीसी,
- अल्ट्राटेक सीमेंट,
- और इंफोसिस।
नुकसान झेलने वाले शेयरों में रहे:
- बजाज फिनसर्व,
- पावर ग्रिड,
- महिंद्रा एंड महिंद्रा,
- एचडीएफसी बैंक,
- और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL)।
सेक्टर आधारित प्रदर्शन
अधिकांश सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए।
- निफ्टी ऑटो में 1.31% की बढ़त रही,
- निफ्टी एफएमसीजी में 1.05%,
- निफ्टी आईटी ने 121 अंक और
- निफ्टी बैंक ने 130 अंकों की मजबूती दिखाई।
ब्रॉडर मार्केट में भी तेजी का माहौल
- निफ्टी मिडकैप 100 में 0.97% की उछाल,
- निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.70%,
- और निफ्टी 100 में 0.47% की बढ़त दर्ज की गई।
तकनीकी विश्लेषण: 25,500 की ओर बढ़ सकता है निफ्टी
चॉइस ब्रोकिंग के तकनीकी विश्लेषक मंदार भोजने के अनुसार:
“लगातार दो गैप-अप सेशंस के बाद निफ्टी साइडवेज़-टू-बुलिश रुख बनाए हुए है।
इंडेक्स प्रमुख मूविंग एवरेज (20, 50, 100, और 200 ईएमए) से ऊपर टिके रहना दर्शाता है कि
अगर निफ्टी 25,050 से ऊपर बना रहता है, तो अगला लक्ष्य 25,250 और 25,500 हो सकता है।”
निवेशकों के लिए संकेत
- लघु अवधि में निफ्टी में और उछाल की संभावना है
- मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में निवेशकों का रुझान बना हुआ है
- GST सुधार, अंतरराष्ट्रीय तनाव में नरमी, और नीतिगत स्थिरता बाज़ार के पक्ष में हैं