23 जून:
वैश्विक भू-राजनीतिक तनावों और कमजोर अंतरराष्ट्रीय संकेतों के बीच आज भारतीय शेयर बाजारों में बिकवाली हावी रही। सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में आधा प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई, जबकि मिड और स्मॉल कैप शेयरों ने अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन किया।
बीएसई सेंसेक्स 511 अंक या 0.62% की गिरावट के साथ 81,897 पर बंद हुआ। वहीं, एनएसई निफ्टी-50 141 अंक या 0.56% टूटकर 24,972 पर आकर थमा।
ब्रॉडर मार्केट का बेहतर प्रदर्शन
फ्रंटलाइन इंडेक्स की तुलना में ब्रॉडर मार्केट मजबूत नजर आया। बीएसई मिड-कैप इंडेक्स में 0.2% की तेजी रही, जबकि स्मॉल-कैप इंडेक्स में 0.5% से अधिक की बढ़त दर्ज की गई।
सेंसेक्स के टॉप लूज़र्स और गेनर्स
सेंसेक्स के 30 में से 21 शेयर लाल निशान में बंद हुए।
इंफोसिस में लगभग 2.3%, लार्सन एंड टुब्रो में 2.1%, और एचसीएल टेक में 2.1% की गिरावट रही — जो आज के टॉप लूज़र्स में शामिल रहे।
वहीं, ट्रेंट में 3.6%, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स में 3.1%, और बजाज फाइनेंस में 1.2% की तेजी देखने को मिली।
बीएसई सेक्टोरल इंडेक्स का हाल
21 सेक्टरों में से 12 सेक्टरों में गिरावट दर्ज की गई।
फोकस्ड आईटी में 1.5%, आईटी सेक्टर में 1.4%, और टेक में 1.1% की गिरावट दर्ज की गई।
वहीं, कैपिटल गुड्स इंडेक्स 0.9% चढ़ा, सर्विसेज और मेटल सेक्टर में 0.7% से अधिक की तेजी रही। कमोडिटीज इंडेक्स भी 0.4% की बढ़त के साथ बंद हुआ।
बाजार का मूड और आंकड़े
बीएसई में कुल 2,204 शेयरों में गिरावट रही, जबकि 1,854 शेयरों में तेजी आई। 182 शेयर अपरिवर्तित रहे।
एनएसई पर 41 कंपनियों ने 52 सप्ताह का उच्चतम स्तर छुआ, जबकि 38 कंपनियां अपने 52 सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंचीं।
आगे की राह
विशेषज्ञों के अनुसार, आज की गिरावट वैश्विक तनाव, अमेरिकी ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता, और मुनाफावसूली का परिणाम रही।
बाजार अब विदेशी निवेश प्रवाह, प्रमुख आर्थिक आंकड़ों और वैश्विक घटनाक्रमों पर नजर बनाए रखेगा।