Last Updated on August 20, 2025 11:10 am by BIZNAMA NEWS
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घरेलू शेयर बाजारों ने मंगलवार को मजबूती के साथ कारोबारी सत्र समाप्त किया, जहां आईटी सेक्टर में जबरदस्त खरीदारी देखने को मिली। बीएसई सेंसेक्स में 213 अंकों (0.26%) की बढ़त दर्ज की गई और यह 81,858 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 70 अंकों (0.28%) की मजबूती के साथ 25,051 के आंकड़े को पार कर गया। यह बाजार की लगातार पांचवीं बढ़त रही।
आईटी शेयरों में मजबूत उछाल के पीछे वैश्विक स्तर पर टेक्नोलॉजी खर्च में सुधार और डॉलर की कमजोरी जैसे कारक जिम्मेदार रहे, जिससे निर्यात-आधारित भारतीय आईटी कंपनियों को लाभ हुआ।
सेंसेक्स के प्रमुख शेयर: आईटी चमका, फाइनेंशियल्स में गिरावट
सेंसेक्स के 30 में से 15 शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।
इंफोसिस में सबसे ज़्यादा उछाल दर्ज की गई – 3.9%,
टीसीएस में 2.7% की तेजी रही,
हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर करीब 2.5% चढ़े, ग्रामीण मांग में सुधार की उम्मीद से सहारा मिला।
वहीं कुछ दिग्गज शेयरों पर दबाव रहा:
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) में 2.1% की गिरावट,
बजाज फाइनेंस में 1.6% की कमजोरी,
टाटा मोटर्स 1.5% लुढ़का, वैश्विक ऑटो बिक्री में नरमी की खबरों से प्रभावित।
क्षेत्रवार प्रदर्शन: आईटी और टेक सेक्टर में जबरदस्त तेजी
बीएसई के 21 सेक्टोरल इंडेक्स में से 14 हरे निशान में बंद हुए।
टॉप गेनर्स सेक्टर:
- फोकस्ड आईटी इंडेक्स 2.7% चढ़ा,
- आईटी इंडेक्स में 2.6% की तेजी,
- टेक इंडेक्स 2.2% से अधिक उछला।
कमजोर सेक्टर:
- फाइनेंशियल सर्विसेज और बैंकेक्स दोनों में 0.33% की गिरावट रही,
- हेल्थकेयर इंडेक्स में 0.2% की गिरावट,
- ऑयल एंड गैस और एनर्जी सेक्टर में मामूली 0.1% से अधिक की कमजोरी रही।
मिड और स्मॉल कैप शेयरों में भी सकारात्मक रुझान
बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 0.4% की बढ़त और
स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.3% की मजबूती दर्ज की गई।
मार्केट ब्रेड्थ भी सकारात्मक रहा:
- 2,343 कंपनियों के शेयर बढ़े,
- 1,725 कंपनियों के शेयर गिरे,
- 167 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
यह संकेत है कि बाजार में तेजी केवल बड़े शेयरों तक सीमित नहीं है, बल्कि व्यापक भागीदारी के साथ बाजार मजबूत बना हुआ है।
आगे की दिशा: सतर्क आशावाद, वैश्विक संकेतों पर नजर
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि मजबूत तिमाही नतीजे, एफआईआई की लगातार खरीदारी और संभावित वैश्विक दर कटौती की उम्मीदों ने सकारात्मक माहौल बनाया है। हालांकि, वैश्विक अनिश्चितता, डॉलर में उतार-चढ़ाव और भू-राजनीतिक तनाव के कारण निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि निवेशक अब स्टॉक-विशिष्ट रणनीति अपनाएं और अमेरिका व चीन से आने वाले आर्थिक आंकड़ों पर नजर रखें।